मोदी सरकार की कैबिनेट ने एक देश एक चुनाव को गुरुवार को मंजूरी दे दी है. अब इस योजना को संसद के दोनों सदनों में पेश किया जाएगा ताकि इसे पारित करवा के कानून का रूप दिया जा सके.
खबरों के मुताबिक सरकार इस बिल को लेकर सबका सलाह मशविरा लेना चाहती है. सूत्रों के मुताबिक सरकार इस पर सभी राज्यों के विधानसभा अध्यक्षों से भी बात करेंगे.
एक देश एक चुनाव योजना को लागू करने के लिए इसी साल सितंबर में सरकार ने एक उच्च स्तरीय कमेटी की सिफारिशों को मान लिया था जिसमें कहा गया था कि लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकायों के चुनाव एक साथ कराए जाने चाहिए.
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी इस कमेटी ने देशव्यापी बातचीत के बाद 11 सिफारिशें की थीं.
1. कमेटी ने कहा कि बार-बार चुनाव कराने की वजह से अर्थव्यवस्था, राजव्यवस्था और समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस बोझ को कम करने के लिए इसने एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की।
2. पहले चरण में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए चुनाव तिथियों को एक साथ रखा जाएगा। इसके बाद नगर निगम और पंचायत चुनाव भी इनके साथ ही कराए जाएंगे, जो 100 दिनों के भीतर होंगे।
3. आम चुनाव के बाद, राष्ट्रपति एक अधिसूचना जारी कर सकते हैं, जिसमें लोक सभा के आहूत होने की तिथि को 'नियत तिथि' घोषित किया जाएगा, ताकि निरन्तर समन्वय सुनिश्चित हो सके।
4. जिन राज्यों में हाल ही में चुनाव हुए हैं उनका कार्यकाल उसी हिसाब से छोटा कर दिया जाएगा।
5. समिति ने इन सुधारों के सफल क्रियान्वयन की निगरानी के लिए एक कार्यान्वयन समूह की स्थापना की सिफारिश किया है।
6. कमेटी ने पंचायतों और नगर पालिकाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने के लिए अनुच्छेद 324A लाने का प्रस्ताव दिया है। साथ ही सभी चुनावों के लिए एकीकृत मतदाता सूची और फोटो पहचान पत्र बनाने के लिए अनुच्छेद 325 में संशोधन का प्रस्ताव किया है।
7. सदन में अविश्वास प्रस्ताव आने या बहुमत न होने की स्थिति में नये चुनाव कराये जायेंगे, लेकिन नव निर्वाचित सदन का कार्यकाल अगले आम चुनाव तक ही बढ़ाया जायेगा।
8. शुरुआती चरण में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। दूसरे चरण में राज्य और लोकसभा चुनावों के 100 दिनों के भीतर नगर निगम और पंचायत चुनाव कराए जाएंगे।
9. कमेटी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लाने या त्रिशंकु लोकसभा की स्थिति में नए चुनाव की वकालत की। नव निर्वाचित लोकसभा पिछली लोकसभा के शेष कार्यकाल को पूरा करेगी, जबकि राज्य विधानसभाएं लोकसभा के कार्यकाल समाप्त होने तक चलती रहेंगी, जब तक कि उन्हें पहले भंग न कर दिया जाए।
10. चुनाव आयोग को कमेटी ने सलाह दी कि वह कुशल चुनाव प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए ईवीएम और वीवीपैट जैसे आवश्यक उपकरणों की खरीद के लिए सक्रिय रूप से योजना बनाए।
11. कमेटी ने सभी चुनावों के लिए एकीकृत मतदाता सूची और पहचान पत्र प्रणाली का प्रस्ताव किया है, जिसके लिए संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता होगी।
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