Mahakumbh 2025: 14 पवित्र स्नान, इन तिथियों पर जरूर लगाएं डुबकी

प्रयागराज में 2025 का महाकुंभ मेला भव्यता और आस्था का प्रतीक बनकर 14 जनवरी 2025 से शुरू होने जा रहा है. इस महापर्व में देश-विदेश से करोड़ों हिन्दू श्रद्धालु पवित्र गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान कर पुण्य के भागी होंगे.

Mahakumbh Mela 2025 : A vibrant depiction of the Mahakumbh Mela at the Triveni Sangam in Prayagraj, India, showcasing a massive gathering of devotees during the early morning hours. The scene includes colorful tents, ascetics in traditi

प्रतीकात्मक तस्वीर: AI

भारत, जो कभी 'सोने की चिड़िया' कहलाता था, ऋषि-मुनियों की यह तपस्थली युगों-युगों से रहा है. भारत की धरती ने ऐसे महापुरुषों को जन्म दिया है जो देश, धर्म के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने को तत्पर रहें  है. ऐसी ही दिव्यता का साक्षात्कार महाकुंभ 2025 में होगा, जो पौष पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक चलेगा।

14 जनवरी, 2025 से प्रयागराज में होने वाला महाकुंभ मेला ऐतिहासिक और दिव्य आयोजन के रूप में तैयार किया जा रहा है.  महाकुंभ, जो भारत की प्राचीन और समृद्ध धार्मिक परंपराओं का सदियों से प्रतीक रहा है, प्रत्येक 12 साल में आयोजित किया जाता है और यह पूरे विश्व के श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है. महाकुंभ स्नान विशेष महत्व रखता है. मान्यता है कि महाकुंभ में स्नान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है, सारे पाप धुल जाते हैं और मनुष्य का मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है. 

इस बार के महाकुंभ में स्नान के लिए दस प्रमुख तिथियाँ हैं, जिनका विवरण इस प्रकार है:

महाकुंभ 2025 स्नान की तिथियां

स्नान क्रमस्नान तिथितिथि (साल 2025)दिन
प्रथम स्नानपौष शुक्ल एकादशी10 जनवरीशुक्रवार
द्वितीया स्नानपौष पूर्णिमा13 जनवरीसोमवार
चतुर्थ स्नानमाघ कृष्ण एकादशी25 जनवरीशनिवार
पंचम स्नानमाघ कृष्ण त्रयोदशी27 जनवरीसोमवार
अष्टम स्नानमाघ शुक्ल सप्तमी (रथ सप्तमी)4 फरवरीमंगलवार
नवम स्नानमाघ शुक्ल अष्टमी (भीष्माष्टमी)5 फरवरीबुधवार
दशम स्नानमाघ शुक्ल एकादशी (जया एकादशी)8 फरवरीशनिवार
एकादश स्नानमाघ शुक्ल त्रयोदशी (सोम प्रदोष व्रत)10 फरवरीसोमवार
द्वादश स्नानमाघ पूर्णिमा12 फरवरीबुधवार
त्रयोदश स्नानफाल्गुन कृष्ण एकादशी24 फरवरीसोमवार
चतुर्दश स्नानमहाशिवरात्रि26 फरवरीबुधवार

महाकुंभ 2025 की मुख्य बातें:

  • आयोजन स्थल : प्रयागराज, उत्तर प्रदेश 
  • अवधि: पौष पूर्णिमा से महाशिवरात्रि
  • पुनरावृत्ति: 12 वर्षों में एक बार
  • महाकुंभ का महत्व: स्नान से पुण्य, पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्त

महाकुंभ के साथ जुड़ी धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन भी प्रशासन के द्वारा किया जाएगा, जिनमें स्नान के घाटों का निर्माण, भव्य यज्ञ, ध्यान और अन्य धार्मिक अनुष्ठान शामिल होंगे।

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